गुरुवार, नवंबर 18, 2010

मै तेरी याद में पागल हो जाऊँगा

मै तेरी याद में पागल हो जाऊँगा ,
दिल के जख्म पके हुये है ,
कदम रूह के थके हुये है ,
आंसू बरसाएगा जो ,मैं वो बादल हो जाऊँगा ,
मैं तेरी याद में पागल हो जाऊँगा ,
यादों की ये गरम हवा है,
जिसमे मेरा जिस्म जला है ,
जल कर रख बनूँगा ,या फिर तेरी आँखों का काजल हो जाऊँगा,
मैं तेरी याद में पागल हो जाऊँगा ,
अब तक तेरा इंतजार मैं करता हूँ ,
तेरी यादों में जीता हूँ ,मरता हूँ ,
तू जब गुजरेगी मेरी गली से ,मैं तेरे पांव का पायल हो जाऊँगा ,
मैं तेरी याद मे पागल हो जाऊँगा ,
मैं एक आजाद पछी था यारा ।
जिसे तुने निज नयन से मारा ,
मुझे पता था कि तेरी गली में जा कर, मैं घायल हो जाऊँगा ,
मैं तेरी याद में पागल हो जाऊँगा ,


''तुम्हारा --अनंत ''